उद्देश्य 2025: भारतीय शहरों में लैंगिक समावेशी गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए नई पहल की शुरूआत

Uddeshya 2025 MobiliseHer
04 Mar, 2025

नई दिल्ली, 4 मार्च 2025: डब्ल्यूआरआई इंडिया के वार्षिक लैंगिक और गतिशीलता सम्मेलन के तीसरे संस्करण, उद्देश्य 2025, ने भारतीय शहरों में लैंगिक समावेशी गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख हितधारकों के साथ सफलतापूर्वक कार्यक्रम का आयोजन किया। भारत सरकार की विभिन्न पहलों, जैसे पीएम ई-बस सेवा योजना, पीएम ई-ड्राइव और विभिन्न शहरों में मेट्रो नेटवर्क के विस्तार, से सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को महत्वपूर्ण रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इस एक दिवसीय सम्मेलन में समावेशी परिवहन योजना और नीतियों की परिवर्तनकारी क्षमता को रेखांकित किया गया, जो रोज़गार और स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के साथ-साथ भारत की विविध गतिशीलता आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक साबित होगी।

पूर्ण सत्र के दौरान बोलते हुए, आर्थिक परिषद की सदस्य, प्रधानमंत्री की सलाहकार और भारत सरकार की सचिव, डॉ. शमिका रवि ने कहा, "शहरी विकास योजनाओं के बजट आवंटन में वृद्धि के साथ, हमें ऐसी ठोस रणनीतियों की आवश्यकता है जो महिलाओं के लिए परिवहन को अधिक सुलभ बना सकें। अच्छे विचार अक्सर व्यवहार में तब्दील नहीं हो पाते, इसलिए हमें ऐसे सतत केस स्टडीज़ पर ध्यान देने की जरूरत है, जिन्हें विभिन्न शहरों में दोहराया जा सके। पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं की श्रम शक्ति भागीदारी 41% से अधिक हो गई है, लेकिन इस वृद्धि का अधिकांश हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में हुआ है। इसका मुख्य कारण यह है कि ग्रामीण भारत में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से मजबूत नीतिगत प्रयास किए गए हैं। हमें इसी तरह के शोध-आधारित विचारों की आवश्यकता है, जो शहरी क्षेत्रों में प्रभावी नीतियों और कार्यान्वयन में तब्दील हो सकें।"

उद्देश्य 2025 का आयोजन नीति आयोग, राष्ट्रीय शहरी मामलों के संस्थान (एनआईयूए), संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी), विश्व बैंक, जीआईज़ेड इंडिया, शहरी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इनिशिएटिव (यूईएमआई), सीईपीटी अनुसंधान एवं विकास फाउंडेशन (सीआरडीएफ), प्रिया इंडिया, सेफ्टीपिन और द अर्बन कैटलिस्ट्स के सहयोग से किया गया।

लॉन्च के अवसर पर डॉ. देबोलिना कुंडु, निदेशक, एनआईयूए ने कहा, "सीओपी एक प्रभावशाली मंच है, जो संवाद को बढ़ावा देने, ज्ञान साझा करने और लिंग-संवेदनशील गतिशीलता के लिए सहयोग को व्यापक स्तर पर ले जाने में सहायक है। विविध हितधारकों को एक साथ लाकर, हम सार्थक परिवर्तन ला सकते हैं, नीति और व्यवहार में मौजूद महत्वपूर्ण अंतर को कम कर सकते हैं और अधिक समावेशी व समानतापूर्ण परिवहन प्रणाली बना सकते हैं। एनआईयूए इस पहल का नेतृत्व करते हुए गर्व महसूस कर रहा है और दीर्घकालिक प्रभाव के लिए सामूहिक प्रयासों को और मजबूत करने की उम्मीद करता है।"

मॉबिलाइज़हर वेबसाइट के लॉन्च के अवसर पर डेल्फ़िन ब्रिसोनो, अटाशे/सीनियर प्रोग्राम मैनेजर, यूरोपीय संघ का भारत और भूटान प्रतिनिधिमंडल, ने कहा, "स्मार्ट और सतत शहरीकरण यूरोपीय संघ की भारत के साथ साझेदारी का एक प्रमुख केंद्र है। समावेशी शहरी गतिशीलता इस साझेदारी का एक महत्वपूर्ण पहलू है, क्योंकि यह महिलाओं और अन्य संवेदनशील जनसंख्या समूहों, जैसे बुजुर्गों, दिव्यांगजनों और बच्चों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देती है। मॉबिलाइज़हर का उद्देश्य अधिक सुरक्षित, सुगम और समान परिवहन प्रणाली विकसित करना है। मॉबिलाइज़हर वेबसाइट इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिए एक मंच और ज्ञान भंडार के रूप में कार्य करती है, जो महत्वपूर्ण जानकारियाँ और सर्वोत्तम प्रथाएँ साझा करती है।"

उद्देश्य में हुई चर्चाओं में लैंगिक उत्तरदायी परिवहन नीतियों को व्यावहारिक परिणामों में बदलने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। इसमें न्यायसंगत, समावेशी और समानतापूर्ण ई-मोबिलिटी परिवर्तन सुनिश्चित करने की रणनीतियों और लैंगिक उत्तरदायी मेट्रो प्रणालियों के लिए नवाचारी वित्तीय तंत्र की संभावनाओं का अन्वेषण किया गया। सत्रों में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि स्थानीय अनुकूलन, लैंगिक-संवेदनशील डेटा विश्लेषण और सक्रिय सामुदायिक भागीदारी महत्वपूर्ण तत्व हैं, जो शोध और नीतियों को प्रभावी और व्यावहारिक समाधान में बदलने में सहायक साबित हो होते हैं।

उद्देश्य 2025 में ‘सूत्रधार – अनफोल्डिंग जर्नीज, कनेक्टिंग पीपल’ को भी प्रस्तुत किया गया, जिसने शहरों में सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों के माध्यम से लोगों के वास्तविक अनुभवों को उजागर किया। इस दिनभर के कार्यक्रम का समापन उद्देश्य अवॉर्ड्स के साथ हुआ, जिसमें अधिक समावेशी और समान परिवहन प्रणालियों में योगदान देने वाले संगठनों और व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। पुरस्कार विजेताओं में वर्षा मोडक, पुणे महानगर परिवहन महामंडल लिमिटेड की बस कंडक्टर, भाव्यलक्ष्मी एम.एस., कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड की टर्मिनल कंट्रोलर शामिल थीं। इसके अलावा, समर्थ्यम फाउंडेशन को सार्वभौमिक सुगमता (यूनिवर्सल एक्सेसिबिलिटी) को बढ़ावा देने के लिए और जेंडर एंड पॉलिसी लैब को सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा और पहुंच में सुधार लाने के कार्य के लिए सम्मानित किया गया।

उद्देश्य जैसे मंच के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, डब्ल्यूआरआई इंडिया के सीईओ माधव पाई ने कहा, "विविध हितधारकों को एक साथ लाकर, उद्देश्य न केवल नीतियों के कार्यान्वयन से जुड़ी चुनौतियों पर संवाद को प्रोत्साहित करता है, बल्कि सामूहिक कार्रवाई के नए रास्ते भी खोलता है। यह आयोजन परिवहन प्रणालियों को अधिक सुगम, समावेशी और भारत की विविध जनसंख्या की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने के लिए नवाचारपूर्ण दृष्टिकोण को प्रेरित करने का लक्ष्य रखता है।"

उद्देश्य 2025 को मोबलाईसहर (MobiliseHER) के तहत आयोजित किया गया, जो भारत में लैंगिक-संवेदनशील शहरी गतिशीलता प्रणालियों को विकसित करने की एक पहल है, जिसे यूरोपीय संघ के समर्थन से संचालित किया गया। इसके अतिरिक्त, इसे ‘इलेक्ट्रिफाइंग मोबिलिटी इन सिटीज: इन्वेस्टिंग इन द ट्रांसफॉर्मेशन टू इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इन इंडिया’ पहल से भी सहयोग प्राप्त है, जो भारत में परिवहन प्रणालियों के डीकार्बोनाइजेशन की दिशा में परिवर्तनकारी बदलाव को सक्षम बनाता है। यह पहल यूएनईपी द्वारा नीति आयोग के नेतृत्व में और ग्लोबल एनवायरनमेंट फैसिलिटी (GEF) के समर्थन से शुरू की गई है।

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